वो अनकही बातें वो अनखुले राज़ जिनको मैं खुद न समझ सकी काश तुम्हें समझा पाती।
वो दबी हुयी सी मंद मंद सिसकियाँ जिनको मैं खुद न सुन सकी काश तुम्हें सुना पाती।
वो डरी हुयी सी घबराहट भरी धड़कनें जिन्हें महसूस न कर सकी काश तुम्हें बता पाती।
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