सोच रही हूँ जीलूं अपना जीवन इन कुछ पलों के सहारे फिर न कुछ खोना न पाना कुछ पल , सिर्फ और सिर्फ मेरे तुम्हारे।
फिर सोचती हूँ , क्यों न ये जीवन इन कुछ पलों सा हो जाए जो कुछ खोया..वो पाया उन कुछ पलों सा, जब तू मेरा सिर्फ मेरा हो जाये|
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