tag:blogger.com,1999:blog-55492490700972980162024-03-18T20:46:16.289-07:00aajAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.comBlogger26125tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-32392791823089351212016-02-10T08:51:00.001-08:002016-08-14T21:12:47.331-07:00बाँवरी<p dir="ltr">तुम जब मेरी आँखों में देखते हो, तो ऐसा लगता है मानो समुन्द्र की तमाम गहराइयाँ तुम्हारी आँखों के सामने कुछ नहीं हैं। ऐसा लगता है की जैसे हर सपने को पूरा करने की हसरत भरी नज़र मुझे इस लिए देख रही है क्योंकि उसको भी ये यकीं है की उसकी कसक को सिर्फ मेरी ही नज़र देख सकेगी। तुम्हारी आँखें हर उस लम्हें को अपने अंदर समेट लेना चाहती हैं जो तुम मेरे साथ बिताते हो। समेट लेना चाहती हैं तुम्हारी आँखें मुझे भी उस हर बीते लम्हें के साथ खुद में। और मैं, मैं जैसे सुध बुध सब खो कर तेरे साथ, तेरा हाथ थामें तेरे हर सपने में तेरे साथ ही चलती हूँ। खो जाती हूँ समुन्द्र की उस गहरायी में जहाँ प्यार की लहरें मुझे अपनी ओर खींचती हैं। प्यार का एक बवंडर मुझे ज़ोर से जकड़ के अपने अंदर समा लेता है। मैं मुस्कुराते हुए उस संपूर्ण समर्पण का एहसास लिए उस बवंडर की तेह तक चली जाती हूँ। और तुम कहते हो बाँवरी हूँ मैं। </p>
<p dir="ltr">तेरे हाथों की पहली छुअन आज भी याद है मुझे। आज भी उस सिहरन को भूल नहीं पायी हूँ मैं। एहसास आज भी होता है तेरे हाथों की पहली छुअन की गर्माहट का, मेरे मन की कंपकपाहट का। धड़कनों की गति आज भी बढ़ जाती है जब तेरी उँगलियाँ मेरे हाथों की लकीरों पर चलती हैं। मेरे हाथ को पकड़ कर जब भी तू सहलाता है, तो तसल्ली दिल को हो जाती है की कोई है जो हर पल मेरे साथ है। मेरे गेसू तेरे हाथों की खुशबू से महकते हैं और हर पल तेरे साथ होने का एहसास दिलाते हैं। और तुम कहते हो बाँवरी हूँ मैं।</p>
<p dir="ltr">तेरी बाहों में सिमट कर खुद को इतना महफूज़ पाती हूँ की जैसे दुनिया के हर दुःख से दूर हूँ। ऐसा लगता है की जैसे तू साँचा है और मैं कच्ची मिट्टी हूँ, तू जैसा ढालेगा, वही आकार ले लूंगी। मन में इतना हल्कापन महसूस होता है की हवा से भी हल्की हो जाती हूँ। दिल कहता ही काश वक्त यहीं रुक जाए, थम जाए ,ठहर जाए वहीँ पे। तुम मुझमें खो जाओ और मैं तुम में खुद को तलाश करती रहूँ। ज़िन्दगी भर की तमाम खुशियाँ छोटी लगती हैं तेरी बाहों में आकर। कितने ही दुःख क्यों न हों, चेहरे पे मुस्कान खुद बा खुद आ जाती है। और मैं आँखें बंद किये उस एहसास को अपने अंदर समेटे तेरी बाहों में खुद को छुपा लेती हूँ। और तुम कहते हो बाँवरी हूँ मैं। </p>
<p dir="ltr">हर मुलाकात के बाद खुद को तेरे और करीब पाती हूँ। तुझको देखती हूँ और खो जाती हूँ, उस दुनिया में जहाँ सपनो को अपनी ख़्वाहिशों की पायल पहना देती हूँ। और उस पायल के </p>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-77869850331353452072015-08-04T06:34:00.001-07:002016-08-14T21:13:20.584-07:00<p dir="ltr">तुम ही हो मेरे भाव<br>
तुम से ही है मेरा हर चाव <br>
लेकिन हर भाव व चाव जहाँ थम जाएँ<br>
वो तुम में ही है मेरा अंतिम पड़ाव</p>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-59508148980705348462015-07-11T04:34:00.001-07:002016-08-14T21:13:21.675-07:00<p dir="ltr">तेरे प्यार में मैं यूँ बिखर रही हूँ<br>
हाँ मैं हर रोज़ यूँ निखर रही हूँ</p>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-3025291751503445882015-06-15T11:52:00.001-07:002021-06-12T03:59:12.325-07:00मुक्तक<p dir="ltr">तुझसे ऐसे मिली की मैं घुलती रही<br>
मोम के जैसे ही मैं पिघलती <u>रही</u><br>
इतनी नज़दीकियाँ होंगी सोचा न था<br>
प्यार के चाक मैं यूँही सिलती रही</p>
<p dir="ltr">अपने सपनो को तुझसे सजाया करूँ,<br>
जी न पाऊँ मैं ,चाहे तेरे संग मरूँ,<br>
अब तो ले ही लिया मैंने ये फैसला-<br>
प्यारे रंगों से तेरा मैं जीवन भरूँ।</p>
<p dir="ltr">इन हवाओं में खुशबू सी घुलती रही,<br>
मोम के जैसे मैं भी पिघलती रही,<br>
होंगी नज़दीकियाँ ये न सोचा कभी<br>
उसके साँचे में मैं यूँ ही ढलती रही।<br>
~विभूती</p>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-81392624169646538952015-06-10T11:17:00.001-07:002016-08-14T21:13:25.823-07:00<p dir="ltr">हाँ सुना था ये मैंने किसी से कभी<br>
रूह से रूह का मेल होता तभी<br>
ढूंढती मैं रही, सोचती मैं रही <br>
अब ये जाना की तुझसे हैं रिश्ते सभी</p>
<p dir="ltr">भाव तुमने दिया है मेरे गीत को।<br>
दिल से जाना है तुमने मेरी प्रीत को।<br>
प्यार कर तो लिया आज खालें कसम <br>
अब निभाते रहें नेह की रीत को।</p>
<p dir="ltr">mere hanste hothon ko aur hansane ye kaun aaya hai..........<br>
meri saji duniya ko aur sajaane ye kaun aaya hai.....<br>
dard jo bhi mile un garm sard mausamon me...........<br>
un zakhmon pe marham lagaane ye tu aaya hai.....</p>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-43102239385689975662015-05-27T11:19:00.001-07:002016-08-14T21:13:27.130-07:00<p dir="ltr"><br><br></p>
<p dir="ltr">माँ शारदे तुम्हारी हम आरती उतारे</p>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-43651837033706784192015-05-26T11:13:00.001-07:002015-05-28T06:56:51.155-07:00सोचती हूँ कि..<p dir="ltr">यूँ तो ज़िन्दगी <br>
बसर हो ही जाती <br>
तू अनायास ही<br>
अपना प्यार लिए<br>
इन आँखों के रस्ते<br>
दिल में उतर गया<br>
और घर कर लिया।<br>
मैं डरी, फिर भी<br>
तेरा हाथ थामें <br>
हिम्मत कर के <br>
आगे बढ़ी,<br>
बढ़ती चली गयी<br>
तेरे प्यार में यूँ<br>
सराबोर हो गयी।<br>
अब,<br>
आलम ये है<br>
की तू रोकता है <br>
मैं फिर भी चलती हूँ<br>
तेरा साथ पाकर<br>
नयी सी हो गयी हूँ<br>
खुद पर ही <br>
प्यार आता है<br>
आइना भी यूँ<br>
मुझे देख कर<br>
मंद मंद मुस्काता है।<br>
खोयी खोयी सी रहती हूँ<br>
फिर भी,<br>
ख्याल तेरा रहता है<br>
साँसों के साथ<br>
प्यार तेरा बेहता है<br>
तेरी ख़ुशबू<br>
मेरे चारों ओर रहती है<br>
और मैं फिर <br>
ये सोचने लगती हूँ<br>
की<br>
यूँ तो ज़िन्दगी <br>
बसर हो ही जाती<br>
तूने अपने प्यार से<br>
एक नयी जान डाल दी।<br>
</p>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-63032612362780112015-05-18T11:13:00.001-07:002015-05-18T16:47:37.898-07:00विडम्बना<p dir="ltr">सोच रही हूँ जीलूं अपना जीवन<br>
इन कुछ पलों के सहारे<br>
फिर न कुछ खोना न पाना<br>
कुछ पल ,<br>
सिर्फ और सिर्फ मेरे तुम्हारे।</p>
<p dir="ltr">फिर सोचती हूँ , क्यों न ये जीवन<br>
इन कुछ पलों सा हो जाए<br>
जो कुछ खोया..वो पाया<br>
उन कुछ पलों सा,<br>
जब तू मेरा सिर्फ मेरा हो जाये|<br><br></p>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-23979960822941215752015-05-18T11:02:00.001-07:002016-08-14T21:13:28.497-07:00<p dir="ltr">तेरे स्पर्श भर से ही <br>
यूँ चन्दन हो जाती हूँ<br>
गले लग जाए अगर<br>
तो माला सी हो जाती हूँ</p>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-51107797837788332522015-04-16T11:18:00.001-07:002015-05-01T06:40:30.748-07:00काश !!<p dir="ltr">वो अनकही बातें<br>
वो अनखुले राज़<br>
जिनको मैं खुद न समझ सकी<br>
काश तुम्हें समझा पाती।</p>
<p dir="ltr">वो दबी हुयी सी<br>
मंद मंद सिसकियाँ<br>
जिनको मैं खुद न सुन सकी<br>
काश तुम्हें सुना पाती। </p>
<p dir="ltr">वो डरी हुयी सी<br>
घबराहट भरी धड़कनें<br>
जिन्हें महसूस न कर सकी<br>
काश तुम्हें बता पाती।</p>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-72046920011629772462015-04-07T10:33:00.001-07:002015-05-01T06:40:54.985-07:00मन की हलचल <p dir="ltr">मन में दबी कुछ बातों को<br>
कुछ अनकहे जज़्बातों को<br>
क्यों छुआ तूने अविरल<br>
मन में हो गयी क्यों हलचल</p>
<p dir="ltr">वर्षो से जो मौन खड़े थे<br>
निर्मोह चुपचाप बढ़े थे<br>
उन स्थिर चट्टानों से <br>
क्यों बहती अश्रुधारा कलकल<br>
मन में हो गयी क्यों हलचल</p>
<p dir="ltr">जग ने मुझको निश्छल जाना<br>
गुण और स्वाभाव से स्थिर माना<br>
आज क्यों अनायास ही<br>
एक चक्रवात उठता है प्रतिपल<br>
मन में हो गयी क्यों हलचल<br></p>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-48141760805994550932015-02-10T19:04:00.001-08:002016-08-14T21:13:31.043-07:00<p dir="ltr">दिल्ली में अब हार जीत का चिंतन करिये आप<br>
आप दिलों में घुस गयी दिल्ली में चुपचाप<br>
दिल्ली में चुप चाप कह रहे ये सबसे मोदी<br>
जीती हुयी सारी सीटें हमने इसबार खोदी<br>
न चला ओबामा न पड़ा अमित शाह भारी<br>
बेदी को सब भूल गए है अरविन्द की बारी।</p>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-87821421457999775502014-08-09T21:55:00.001-07:002016-08-14T21:13:19.413-07:00rakhi<p dir="ltr">प्यार दुलार<br>
आशीष से बंधी<br>
राखी की डोर।</p>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-29188603963935043512014-06-05T02:09:00.000-07:002016-08-14T21:13:29.812-07:00पांखुरी गुलाब की<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div dir="ltr">
1.<br>
तुझसे जुड़ी<br>
सुनहरी हैं यादें<br>
मिठास भरी।</div>
<div dir="ltr">
2.<br>
गुलाब संग<br>
काँटों की चुभन<br>
मन कोमल।</div>
<div dir="ltr">
3.<br>
है साथ तेरा<br>
गुलाब की पांखुरी<br>
भंवरा मन।</div>
<div dir="ltr">
4.<br>
नीला आकाश<br>
जगमगाती धूप<br>
सूखी धरती।</div>
<div dir="ltr">
5.<br>
बन के पंछी<br>
उड़ा मन बाँवरा<br>
टूटे बंधन।</div>
<div dir="ltr">
6.</div>
</div>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-43024877305596069802014-06-02T02:10:00.000-07:002016-08-14T21:13:24.576-07:00<p dir="ltr">चलो महान बनें<br>
जमीं से उठ कर <br>
आसमान बनें</p>
<p dir="ltr">चलो माफ़ कर दें<br>
उस </p>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-66714866820092090412014-05-31T10:39:00.001-07:002014-06-03T11:13:10.628-07:00तेरी याद<p dir="ltr"><br>
जब हंसती हूँ मुस्कुराती हूँ<br>
तब याद करती हूँ तुम्हें<br>
जब गिरने से संभल जाती हूँ<br>
तब याद करती हूँ तुम्हें</p>
<p dir="ltr">अनायास कुछ आहट होती<br>
या मुझसे कोई गलती होती<br>
जब गीत कोई गुनगुनाती हूँ<br>
तब याद करती हूँ तुम्हें</p>
<p dir="ltr">भारीपन होता जब दिल में<br>
सूनापन होता महफ़िल में<br>
जब भी मैं अश्रु छलकाती हूँ<br>
तब याद करती हूँ <u>तुम्हे</u>।</p>
<p dir="ltr">खुशियों के उन चंद क्षणों में<br>
एहसास मिला जो अपनेपन का<br>
उन यादों में जब खो जाती हूँ<br>
तब याद करती हूँ तुम्हें।</p>
<p dir="ltr">विभूती</p>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-74052930211753444452013-09-07T07:01:00.001-07:002013-09-07T07:01:19.033-07:00आज के हाइकु<p dir="ltr">1.<br>
कुछ यूँ गिरा<br>
अभिमान उसका<br>
रेत का टीला!</p>
<p dir="ltr">2.<br>
उड़ जाऊं मैं <br>
खो जाऊं आकाश में<br>
निराली आशा!</p>
<p dir="ltr">3.<br>
घोर अँधेरा <br>
अकेला हूँ मैं यहाँ<br>
तेरा सहारा !</p>
<p dir="ltr">4. <br>
खिले सुमन<br>
गुंजित मेरा मन<br>
बेटी है जन्मी! </p>
<p dir="ltr">5.<br>
महकता है<br>
घर आँगन मेरा<br>
बिटिया जन्मी!</p>
<p dir="ltr">6.<br>
खुशहाल हूँ<br>
जब से मेरे घर<br>
बेटियाँ जन्मी!</p>
<p dir="ltr">7.<br>
तारों के जैसी<br>
चन्द्रमा सी निर्मल<br>
बेटियाँ जन्मी !</p>
<p dir="ltr">8.<br>
तमन्ना मेरी<br>
हई पूरी जबसे<br>
बेटियाँ जन्मी !</p>
<p dir="ltr">9.<br>
नटखट हैं<br>
फूलों सी कोमल<br>
बेटियाँ मेरी!</p>
<p dir="ltr">10. <br>
परियों जैसी<br>
देवी रुपी रत्न हैं<br>
बेटियाँ मेरी !</p>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-1714443115662527232013-09-05T20:06:00.001-07:002016-08-14T21:13:32.175-07:00हाइकु<p dir="ltr">1.<br>
आस लगाये <br>
बैठी है मीरा बाई<br>
रंगीन राधा!</p>
<p dir="ltr">2.<br>
कृष्ण मुरारी<br>
ब्रज की धरोहर<br>
मीरा दीवानी!</p>
<p dir="ltr">3.<br>
नाचे मयूर<br>
हुई मीरा दीवानी<br>
बांसुरी बाजी!</p>
<p dir="ltr">4.<br>
अगया कान्हा <br>
माखन को चुराने<br>
गोपियाँ प्यासी!</p>
<p dir="ltr">5.<br>
राधा है कृष्ण<br>
कृष्ण ही तो है राधा<br>
अटूट प्रेम!</p>
<p dir="ltr">6.<br>
बांके बिहारी<br>
खो गयी मैं तुझमें<br>
दीजौ दर्शन!</p>
<p dir="ltr">7.<br>
तेरी दीवानी<br>
ब्रज की हर गोपी<br>
तरसी मीरा!</p>
<p dir="ltr">8.<br>
राजा की बेटी <br>
मीरा भई जोगन<br>
राधा के कृष्ण!</p>
<p dir="ltr">9.<br>
हो कृष्ण तुम <br>
मैं हो गई राधिका<br>
गुंजित धरा!</p>
<p dir="ltr">10.<br>
तेरी बाँसुरी<br>
मेरी स्वर लहरी<br>
प्रेम संगीत!<br><br></p>
<p dir="ltr">कुछ हाइकु जो मैंने लिखे हैं। </p>
<p dir="ltr">1.<br>
समय है ये<br>
रुकेगा नहीं कभी<br>
बस चलेगा !!</p>
<p dir="ltr">2.<br>
संभल जा तू<br>
कहता है समय <br>
गिरेगा वर्ना !!</p>
<p dir="ltr">3.<br>
हैं जो  ये रिश्ते<br>
उनको संभाल तू<br>
टूटेगी डोर !!</p>
<p dir="ltr">4.<br>
सरल बन<br>
कठोर तो बहुत<br>
प्राणी हैं यहाँ।।</p>
<p dir="ltr">5.<br>
मुझको तू यूँ <br>
बदनाम न कर<br>
खुद से डर !!</p>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-44241475158149114382013-08-03T11:49:00.001-07:002013-09-05T20:41:24.567-07:00कुछ और हाइकु<p dir="ltr">1.<br>
आस लगाये <br>
बैठी है मीरा बाई<br>
रंगीन राधा!</p>
<p dir="ltr">2.<br>
कृष्ण मुरारी<br>
ब्रज की धरोहर<br>
मीरा दीवानी!</p>
<p dir="ltr">3.<br>
नाचे मयूर<br>
हुई मीरा दीवानी<br>
बांसुरी बाजी!</p>
<p dir="ltr">4.<br>
अगया कान्हा <br>
माखन को चुराने<br>
गोपियाँ प्यासी!</p>
<p dir="ltr">5.<br>
राधा है कृष्ण<br>
कृष्ण ही तो है राधा<br>
अटूट प्रेम!</p>
<p dir="ltr">6.<br>
बांके बिहारी<br>
खो गयी मैं तुझमें<br>
दीजौ दर्शन!</p>
<p dir="ltr">7.<br>
तेरी दीवानी<br>
ब्रज की हर गोपी<br>
तरसी मीरा!</p>
<p dir="ltr">8.<br>
राजा की बेटी <br>
मीरा भई जोगन<br>
राधा के कृष्ण!</p>
<p dir="ltr">9.<br>
हो कृष्ण तुम <br>
मैं हो गई राधिका<br>
गुंजित धरा!</p>
<p dir="ltr">10.<br>
तेरी बाँसुरी<br>
मेरी स्वर लहरी<br>
प्रेम संगीत!</p>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-90439055327123143522013-08-03T10:55:00.001-07:002013-08-03T19:15:43.910-07:00आ फिर से चलें <p dir="ltr">आ फिर से चलें<br>
उन लम्हों को पकड़ें<br>
चल भटकते हुए<br>
इन क़दमों को जकड़े।</p>
<p dir="ltr">आ ढूँढें कहीं से<br>
उस अपनी कसक को<br>
वो सच्ची सी झूठी सी<br>
सर की कसम को।</p>
<p dir="ltr">आ देखें कहाँ है<br>
वो चंचल सा मन<br>
कहाँ पे छिपे हैं<br>
वादों के सुमन।</p>
<p dir="ltr">आ फिर से वो<br>
गलियों की ख़ाक छानें <br>
छिप गया है कहीं पे<br>
वो समय क्यों जानें ।</p>
<p dir="ltr">आ चलें लौट कर<br>
उन मुलाकातों में<br>
चल उलझते हैं फिर से<br>
लम्बी सी बातों में। </p>
<p dir="ltr">आ फिर से चलें<br>
उन लम्हों को पकड़ें<br>
चल भटकते हुए <br>
इन क़दमों को जकड़ें।<br></p><p dir="ltr"> "विभूती"</p><p dir="ltr"><br></p>
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"> <a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi7F72ADheEwaMqXGKAlgLZ62JZQgiFirfqVAomZ7rqx3vtHPqZr0lf_BkQhSBoe7CrJX90EiLv5j0wINaqKISfSmy5LepuaQIl5dLHuks4Nl7Wtez6Oi0EPDh48penjnmv1Oa_iEYkJS8/s1600/P1000589.JPG" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"> <img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi7F72ADheEwaMqXGKAlgLZ62JZQgiFirfqVAomZ7rqx3vtHPqZr0lf_BkQhSBoe7CrJX90EiLv5j0wINaqKISfSmy5LepuaQIl5dLHuks4Nl7Wtez6Oi0EPDh48penjnmv1Oa_iEYkJS8/s640/P1000589.JPG"> </a> </div>Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-47737467298937750542013-06-05T10:45:00.001-07:002013-06-05T10:57:12.953-07:00इंतज़ार <p dir=ltr>तुम्हारा यूँ मसरूफ रहना,<br>
मेरा इंतज़ार करना<br>
आशा भरी निगाहों से<br>
तुम्हें देखना..<br>
की शायद अब तुम समझ सको<br>
मेरी बातों को</p>
<p dir=ltr>इंतज़ार करती हूँ <br>
तुम्हारे मुस्कुराने का<br>
छोटी छोटी बातों में<br>
झट से गले लग जाने का</p>
<p dir=ltr>इंतज़ार है मुझे<br>
तुमसे फिर से रूठ जाने का<br>
अपने ही अंदाज़ में <br>
तुम्हारा मुझे मानाने का</p>
<p dir=ltr>फिर भी सोचती हूँ <br>
की इंतज़ार तू तुम्हें भी है<br>
उन तमाम मुलाकातों का<br>
हाँ इंतज़ार तो तुम्हें भी है ।।</p>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-46513301835646077012013-06-05T10:38:00.001-07:002013-09-05T20:43:23.821-07:00हाइकु<p dir="ltr">1.<br>
समय है ये<br>
रुकेगा नहीं कभी<br>
बस चलेगा !!</p>
<p dir="ltr">2.<br>
संभल जा तू<br>
कहता है समय <br>
गिरेगा वर्ना !!</p>
<p dir="ltr">3.<br>
हैं जो  ये रिश्ते<br>
उनको संभाल तू<br>
टूटेगी डोर !!</p>
<p dir="ltr">4.<br>
सरल बन<br>
कठोर तो बहुत<br>
प्राणी हैं यहाँ।।</p>
<p dir="ltr">5.<br>
मुझको तू यूँ <br>
बदनाम न कर<br>
खुद से डर !!</p>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-22055693024080427602013-05-15T10:21:00.001-07:002015-05-09T23:06:22.465-07:00माँ<p dir="ltr">मैं जब मुस्कुराती हूँ  ...<br>
तो आपको हँसते पाती हूँ,<br>
गर हूँ परेशान ..<br>
तो तुम आँसू छलकाती हो।<br>
कर दूँ कोई गलती..<br>
तो मुझको समझाती हो।<br>
जीतने पर मेरे...<br>
आप गर्व से इठलाती हो।<br>
हार जाऊं तो <br>
मेरा साहस बन जाती हो..।</p>
<p dir="ltr">क्या पता तुम इतना सब<br>
कैसे कर पाती हो ...<br>
माँ तुम किस जादुई छड़ी से...<br>
कभी शिक्षक...<br>
कभी सहेली...<br>
कभी मार्गदर्शिता बन जाती हो।।।???</p>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-71858110010333307762013-04-14T22:17:00.001-07:002014-06-02T02:11:55.375-07:00तेरी ख़ुशबू !! <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<br>
<i>दूरियां जितनी भी हो </i><br>
<i>खुद को समझती हूँ मैं </i><br>
<i>रोज बस इसी तरह ...</i><br>
<i>तेरी ख़ुशबू ओढ़ कर सो जाती हूँ मैं </i><br>
<i><br></i>
<br>
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj2J_bzUVALTONzntZf__sHqi-enxbthJvlzcfsUtCL3GOkHf3Zi1U1JrDZ90aKl6AqjL_r640smerkwN38dLc2KpWbmHqZlvCX_tEJMHzSgSrddkczbIAfEQxznK-hAg5VUoVBzU6prNo/s1600/photos_of_People_and_Nature_JD091.jpg" imageanchor="1" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img border="0" height="200" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj2J_bzUVALTONzntZf__sHqi-enxbthJvlzcfsUtCL3GOkHf3Zi1U1JrDZ90aKl6AqjL_r640smerkwN38dLc2KpWbmHqZlvCX_tEJMHzSgSrddkczbIAfEQxznK-hAg5VUoVBzU6prNo/s320/photos_of_People_and_Nature_JD091.jpg" width="320"></a></div>
<i>वो एकाकीपन का मिलना </i><br>
<i>तेरी मुस्कान पे मेरे अधरों का खिलना </i><br>
<i>रोज़ बस इसी तरह ...</i><br>
<i>यादों के भंवर में खो जाती हूँ मैं </i><br>
<i><br></i>
<i>ये बेरुखी ये फासले </i><br>
<i>कहीं कम न हो जाये मेरे हौसले </i><br>
<i>रोज़ बस इसी तरह ..</i><br>
<i>क्यूँ ये सोच के घबरा जाती हूँ मैं </i><br>
<i><br></i>
<i>न हो भले हाथों में हाथ </i><br>
<i>तू हमेशा है मेरे साथ </i><br>
<i>रोज़ बस इसी तरह ...</i><br>
<i>यूँ गिर के संभल जाती हूँ मैं </i><br>
<i>तेरी ख़ुशबू ओढ़ के सो जाती हूँ मैं !!!</i></div>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5549249070097298016.post-91350125925565053782013-03-26T20:15:00.001-07:002013-03-26T23:37:08.551-07:00 Holi<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<i><span style="font-size: large;">लो फिर आ गयी होली </span></i><br />
<div>
<i><span style="font-size: large;">साथ अपने लिये </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">बचपन की यादों की टोली </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;"><br /></span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">बहुत याद आती है </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">गुब्बारों की मार </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">आज भी भिगो देती है </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">पिचकारी की धार </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">लो फिर आ गयी होली ,,,</span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;"><br /></span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">टेसू के फूलों से </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">रंग को बनाना </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">चन्दन की खुशबू से </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">घर का महक जाना </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">लो फिर आ गयी होली,,,</span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;"><br /></span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">रिश्तों में घुलती </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">गुजिया की मिठास </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">गुलाल के रंगों में </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">अपनेपन का आभास </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">लो फिर आ गयी होली,,,</span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;"><br /></span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">आज फिर से है आया </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">होली का त्यौहार </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">रासायनिक से रंगों का </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">संग लिए उपहार </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;"><br /></span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">गुजिया में भरा है </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">क्यूँ नकली सा मावा </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">चन्दनो को लिए </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">कर रहे सब दिखावा </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;"><br /></span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">आओ चलें हम </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">मिलावट से दूर </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">रंगों से बांटें </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">खुशियाँ भरपूर </span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;"><br /></span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">लो फिर आ गयी होली .....</span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;"><br /></span></i></div>
<div>
<i><span style="font-size: large;">"विभूति"</span></i></div>
</div>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09052785791582010850noreply@blogger.com0