प्यार दुलार
आशीष से बंधी
राखी की डोर।
Saturday, August 9, 2014
Thursday, June 5, 2014
पांखुरी गुलाब की
1.
तुझसे जुड़ी
सुनहरी हैं यादें
मिठास भरी।
तुझसे जुड़ी
सुनहरी हैं यादें
मिठास भरी।
2.
गुलाब संग
काँटों की चुभन
मन कोमल।
गुलाब संग
काँटों की चुभन
मन कोमल।
3.
है साथ तेरा
गुलाब की पांखुरी
भंवरा मन।
है साथ तेरा
गुलाब की पांखुरी
भंवरा मन।
4.
नीला आकाश
जगमगाती धूप
सूखी धरती।
नीला आकाश
जगमगाती धूप
सूखी धरती।
5.
बन के पंछी
उड़ा मन बाँवरा
टूटे बंधन।
बन के पंछी
उड़ा मन बाँवरा
टूटे बंधन।
6.
Saturday, May 31, 2014
तेरी याद
जब हंसती हूँ मुस्कुराती हूँ
तब याद करती हूँ तुम्हें
जब गिरने से संभल जाती हूँ
तब याद करती हूँ तुम्हें
अनायास कुछ आहट होती
या मुझसे कोई गलती होती
जब गीत कोई गुनगुनाती हूँ
तब याद करती हूँ तुम्हें
भारीपन होता जब दिल में
सूनापन होता महफ़िल में
जब भी मैं अश्रु छलकाती हूँ
तब याद करती हूँ तुम्हे।
खुशियों के उन चंद क्षणों में
एहसास मिला जो अपनेपन का
उन यादों में जब खो जाती हूँ
तब याद करती हूँ तुम्हें।
विभूती
Subscribe to:
Posts (Atom)