Thursday, June 5, 2014

पांखुरी गुलाब की

1.
तुझसे जुड़ी
सुनहरी हैं यादें
मिठास भरी।
2.
गुलाब संग
काँटों की चुभन
मन कोमल।
3.
है साथ तेरा
गुलाब की पांखुरी
भंवरा मन।
4.
नीला आकाश
जगमगाती धूप
सूखी धरती।
5.
बन के पंछी
उड़ा मन बाँवरा
टूटे बंधन।
6.

Monday, June 2, 2014

चलो महान बनें
जमीं से उठ कर
आसमान बनें

चलो माफ़ कर दें
उस